योगी राजकुमार

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  योगी राजकुमार एक ऐसी शख्सियत हैं जिन्होंने योग, साधना, गौसेवा और समाज सेवा हेतु दुबई की चकाचौंध भरी जीवनशैली को ठोकर मार दी और उत्तर प्रदेश के अयोध्या के समीप जिला बस्ती में ग्राम देवकली स्थित अयोध्या 24 कोसी परिक्रमा पथ पर अपना आश्रम बनाकर नित्य योग ध्यान की अलख जगाते हैं व किसानों को जहरीले पेस्टिसाइड से मुक्त कर धरती को स्वच्छ बनाने के लिए गौ आधारित कृषि पर जन जागरूकता एवं प्रशिक्षण का आयोजन करते रहते हैं, स्वामी योगी राजकुमार जी ने यातायात की गांव में समुचित सुविधा नहीं होने के कारण किसी किसान के बैलगाड़ी में गोबर भरकर 2 किलोमीटर तक गोवर की ढुलाई बैल बन कर स्वयं ले गए और गोबर से कंपोस्ट खाद वर्मी खाद बनाने का प्रशिक्षण किसानों को नि:शुल्क दिया और धरती को पुनर्जीवन प्रदान करने का प्रशिक्षण व प्रेरणा देकर किसानों को कर मुक्त एवं जैविक खेती का अलख जगाया साथ ही गोंडा जिला में तहसील ओ बजीरगंज गांव कोंडरे प्रार्थमिक विद्यालय में जाकर नि:शुल्क प्रशिक्षण का आयोजन किया इसी प्रकार स्वामी जी के द्वारा उत्तर प्रदेश में घूम घूम कर विभिन्न जिलों में योग के प्रति भारत के भविष्य को प्रेरित करने का सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के ऐसे ऐसे विद्यालयों को स्वामी जी ने चिन्हित किया है जहां  शारीरिक शिक्षा के नाम पर कोई सुविधा नहीं उन विद्यालय में जाकर स्वामी जी योग प्रशिक्षण देकर विद्यार्थियों और शिक्षकों का दिल जीत लेते हैं इतना ही नहीं स्वामी जी अपने जिला में सड़क किनारे हजारों औषधिय बृक्ष लगाए साथ ही उन बृक्षो का पोसनव संरक्षण भी करते हैं,गर्मी के मौसम में खेली पर ड्रम में पानी ढोलाई कर बृक्षो के लिए जल आपूर्ति का कार्य भी स्वं करते हैं,स्वामी श्री को औषधीय आयुर्वेद का ज्ञान बहुत ही अच्छा है और जहां भी जाते हैं घरेलू रसोई से औषधि उपचार का विशेष ज्ञान देकर लोगों को जागरूक करते हैं जैसा कि अभी कोरोना वायरस का प्रकोप संपूर्ण विश्व पर मंडरा रहा है वही योगी जी ने घरेलू औषधियों से लोगों को विमार होने से बचाव के अचूक एवं कारगर उपाय बताए जिससे इलाके में इस सौहार्द पूर्ण व्यवहार से अपनी धरती एवं शरीर को जहर मुक्त पेस्टिसाइड व कीटनाशकों के साथ-साथ अंग्रेजी दबाई से खुद को बचाने के लिए प्रेरित किया जिससे अपने सेहत और दौलत का सदुपयोग कर राष्ट्र को समृद्ध बनाने में अपना योगदान दें।
अतः दो शब्दों में यही कहना चाहूंगा हमारे समाज को ऐसे दधीचि पुरुष् की ही तो आवश्यकता है अगर हर गांव हर जिले में ऐसे समर्पित पुरुष होने लगे तो इस राष्ट्र को विश्व में आपने कीर्तिमान स्थापित करने में और पुण: विश्व गुरु कहलाने में तनिक भी देरी नहीं लगेगी।
 जय हिंद।
✍ कौशलेंद्र वर्मा।